उत्तराखण्ड

केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने मसूरी स्थित LBS राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में दीक्षांत समारोह को किया संबोधित, कहा – पीएम मोदी के सपनों के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सिविल सेवकों की अहम भूमिका

  • ‘चिंता’ की जगह ‘चिंतन’ और ‘व्यथा’ की जगह ‘व्यवस्था’ से समस्याएं जल्द दूर होंगी
  • कार्यों का Observation, Analysis और Documentation किसी भी समस्या में रास्ता निकालने में आपकी मदद करेगा
  • अधिकारियों का काम गवर्नेंस को ‘Reactive’ नहीं ‘Pro-Active’ बनाना है
  • मोदी सरकार ‘Whole of Government approach’ के साथ काम कर रही है क्योंकि कोई भी गतिविधि आइसोलेशन में परिणाम नहीं दे सकती
  • नीतियों की स्पिरिट को समझकर, संवेदनशीलता के साथ उन्हें लागू करना अधिकारियों की जिम्मेदारी
  • विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, अधिकारियों का दायित्व है
  • फाइलों में उलझने की जगह जनता की लाइफ को आगे बढ़ाने को फाइल का उद्देश्य बनाइये
  • जब तक देश की 50% जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिया गया ‘Women-led Development’ का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा

देहरादून: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने वाले शिल्पियों का समूह उपस्थित है, जो अभ्यास, कर्मठता और ऊर्जा से लबरेज़ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने हम सबके सामने लक्ष्य रखा है कि 2047 में जब देश की आज़ादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त भारत दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम होगा। शाह ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि अगले 25 वर्षों में एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में युवा अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले कार्य देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुषों के सपनों को साकार करने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि यह मिशन तभी सफल होगा जब सभी 140 करोड़ देशवासी एकजुट होकर इसे साकार करेंगे।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमें मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जिसमें सभी देशवासी आत्मसम्मान और सभी सुविधाओं के साथ अपनी अगली पीढ़ी का नेतृत्व करें। उन्होंने कहा कि केवल भारत को हर क्षेत्र में प्रथम बनाने से विकसित भारत का सपना साकार नहीं होगा, बल्कि यह स्वप्न तभी साकार होगा जब 140 करोड़ लोग पूरी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे और समान अवसर प्राप्त करेंगे।

अमित शाह ने कहा कि सिविल सेवा में स्व से पर यानी अपने से पहले दूसरों के बारे में विचार करने से बड़ा कोई मंत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में जाने के बाद अधिकारियों को लोगों के जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिएं। आप जिस भी जिले में जाये वहाँ अलग-अलग पड़े डाटा को AI की मदद से एक साथ लाने का काम करना चाहिए, आपके ये छोटे-छोटे प्रयोग देश को आगे बढ़ाने में उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि विकास आंकड़ों से नहीं बल्कि परिणाम से होता है। शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की ‘Whole of Government approach’ का उल्लेख करते हुए कहा कि कोई भी गतिविधि आइसोलेशन में नहीं परिणाम दे सकती, इसीलिए ‘Whole of Government approach’ के साथ काम करने पर ही सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता की दिशा में भी हमें ‘Whole of Government approach’ के साथ काम करना होगा क्योंकि जब तक हर व्यक्ति को समान अवसर नहीं मिलेगा, देश विकास की राह पर नहीं बढ़ सकता।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज उपस्थित चयनित सिविल सेवा अधिकारियों में 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक देश की 50% जनसंख्या नीति निर्धारण संबंधी निर्णयों में शामिल नहीं होंगी, तब तक प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा दिया गया ‘Women-led Development’ का कंसेप्ट पूरा नहीं होगा। शाह ने कहा कि सरकार का काम नीति बनाना है लेकिन इन पर अमल करना अधिकारियों का काम है। उन्होंने कहा कि नीतियों पर अमल स्पिरिट के बिना संभव नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नीतियों को सही तरीके से क्रियान्वित करना और इन्हें सही दिशा में संवेदनशीलता के साथ लागू करना उनकी जिम्मेदारी है।

अमित शाह ने कहा कि अधिकारियों का काम सरकार को Reactive नहीं बल्कि Pro-Active बनाने का है। उन्होंने कहा कि विकास को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और सुनिश्चित करना कि हर घर में शौचालय, बिजली और अन्य आवश्यक सुविधाएं पहुंचें, यह अधिकारियों का दायित्व है। शाह ने कहा कि प्रगति वही कर सकता है, जिसके अंदर आखिरी सांस तक छात्र बनकर सीखने की भावना जिंदा रहती है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बड़े- बड़े अर्थशास्त्री यह मानते थे कि GST भारत में सफल नहीं होगा, लेकिन आज GST हमारे देश के आर्थिक विकास की धुरी है। उन्होंने कहा कि Make in India आने वाले दिनों में देश का गौरव बनने वाला है क्योंकि भारत आज दुनियाभर के विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 साल में भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है।

अमित शाह ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति भारत के युवाओं को दुनियाभर के युवाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मंच प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में सुनिश्चित करने से बच्चों के समझने और तर्क करने की क्षमता बढ़ती है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नारकोटिक्स हमारे देश के 4 नासूर थे। मोदी सरकार की सख्त नीतियों के कारण गत 10 वर्षों में हमें इन चारों क्षेत्रों में बड़ी सफलताएं हासिल हुई हैं। उन्होंने दोहराया कि 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि जब तक हम स्वतंत्र भारत के स्वतंत्र नागरिक होने का आत्मविश्वास और हमारे इतिहास तथा परंपरा के गौरव की भावना को महसूस नहीं करते, तब तक हम भारत को महान नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने विकास भी, विरासत भी का एक नया नारा दिया है, इसीलिए सभी को अपने खान–पान, वेश–भूषा और संस्कृति का गर्व के साथ अनुसरण करना चाहिए।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए डेढ़ सौ साल पुराने कानूनों के स्थान पर 3 नए आपराधिक कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों के पूरी तरह लागू होने के बाद देश में कहीं से भी दर्ज होने वाली FIR के मामले में 3 साल के अंदर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि नए कानूनों में तकनीक के उपयोग से दोष सिद्धि की दर अगले 10 साल में 90 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी और हमारी न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बन जाएगी।

अमित शाह ने कहा कि चिंता की जगह चिंतन और व्यथा की जगह व्यवस्था से किसी भी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि चिंता हमारी सोचने की क्षमता को कम करती है, इसीलिए योग और ध्यान को जीवन का नित्यक्रम बनाना चाहिए। गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि समस्या के समाधान के लिए रोड मैप बनाना, माइक्रो प्लानिंग करना और उसे लागू करना, मिड टर्म review करना और निरंतर फ़ॉलो-अप करना बेहद ज़रूरी है।

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