उत्तराखण्ड

दुर्लभ भोजपत्र से महिलायें बनेंगी आत्मनिर्भर, श्रद्वालुओं को भोजपत्र पर बने सौवेनिर अपने साथ ले जाने का मिलेगा मौका

चमोली: बद्रीनाथ व हेमकुंड यात्रा पर आने वाले श्रद्वालुओं को हिमालय के दुर्लभ भोज वृक्ष की छाल से बने भोजपत्र पर चित्रित और लिखित सौवेनिर अपने साथ ले जाने का सौभाग्य मिलेगा। जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ ब्लाक में एनआरएलएम समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर भोजपत्र पर बद्रीश धाम की आरती, बद्री विशाल के श्लोक, भोजपत्र की माला और कई तरह के चित्र एवं लिखित सौवेनिर तैयार कराए गए है।

भोजपत्र से तैयार अपने उत्पादों को लेकर समूह की महिलाओं ने सोमवार को जिलाधिकारी से भेंट की। इस दौरान जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने समूह की महिलाओं से भोजपत्र पर बनी सौवेनिर खरीदकर महिलाओं को प्रोत्साहित किया और अपनी शुभकामनाएं दी। समूह की महिलाओं ने जिलाधिकारी को भोजपत्र की माला भी भेंट की।

जिलाधिकारी ने कहा कि भोजपत्र का बडा ही पौराणिक एवं धर्मिक महत्व है। इसको देखते हुए पूर्व में विकास विभाग के माध्यम से जोशीमठ ब्लाक में एनआरएलएम समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी का प्रशिक्षण दिया गया। ताकि चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्वालुओं को भोजपत्र पर बने सौवेनिर अपने साथ ले जाने का मौका मिले और समूह की महिलाओं को इसका लाभ मिले। भोजपत्र पर आकर्षक चित्रित व लिखित सौवेनिर को देखते हुए जिलाधिकारी ने समूह द्वारा किए गए कार्यो की प्रशंसा भी की।

इस अवसर पर परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जिला विकास अधिकारी डा.महेश कुमार एवं समूह की महिलाएं मौजूद थी।

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